राष्ट्रीय जल अकादमी का इतिहास
केंद्रीय प्रशिक्षण इकार्इ का शुभारंभ केन्द्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केन्द्र परिसर में दिनांक 8 मार्च, 1988 को हुआ था, जिसने 2001 में राष्ट्रीय जल अकादमी में रूप प्राप्त किया| वास्तविक रहनुमाओं द्वारा स्थापित केन्द्रीय प्रशिक्षण इकार्इ ने जल संसाधन प्रशिक्षण पर जोर देने एवं मजबुत अनुशासन के साथ एक दशक से अधिक अच्छी तरह से सेवा की है तथा जल संसाधन के कई पहलुओं में बौद्धिक सफलता प्राप्त की है| जल गुणवत्ता प्रयोगशाला के साथ ऊपरी कृष्णा मंडल को नए परिसर में आश्रय देकर राष्ट्रीय जल अकादमी संस्था में क्षेत्रीय अभियान्त्रिकी की अवधारणा को मूर्तरूप दिया गया| अकादमी की सेवा भावना एवं प्रशिक्षण गतिविधियों में केंद्रीय केन्द्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केन्द्र की उपस्थिति भौतिक मॉडल एवं तकनीकी पहलुओं को बढ़ावा देती है|
राष्ट्रीय जल अकादमी (पहले केंद्रीय प्रशिक्षण इकाई के रूप में नामित) विभिन्न केन्द्रीय / राज्य विकास एवं जल संसाधनों के प्रबंधन में शामिल संगठनों के कार्यरत अभियंताओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए वर्ष 1988 में केन्द्रीय जल आयोग में स्थापित किया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका संस्था (USAID) के सहायता के तहत स्थापित किया गया और बाद में जल विज्ञान परियोजना (Hydrology Project) के तहत विश्व बैंक से प्राप्त सहायता के साथ मजबूत किया गया| अब यह जल संसाधन मंत्रालय के बजट से पूर्ण वित्तपोषण के तहत कार्य कर रही है|
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