राष्ट्रीय जल अकादमी, सीडब्ल्यूसी, पुणे के बारे में
केंद्रीय जल आयोग के तहत राष्ट्रीय जल अकादमी (NWA), पुणे, जो जल संसाधन विभाग, RD & GR (DoWR, RD & GR) का एक संलग्न कार्यालय है, जल शक्ति मंत्रालय "उत्कृष्टता केंद्र" के रूप में कार्य कर रहा है। जल क्षेत्र के पेशेवरों और अन्य हितधारकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए। एनडब्ल्यूए, पुणे एक केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान (सीटीआई) है जिसे केंद्रीय जल इंजीनियरिंग सेवा समूह 'ए' और समूह 'बी' अधिकारियों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अधिकृत किया गया है; ग्रुप ए और ग्रुप बी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम; जल संसाधन विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण; मुख्य क्षेत्र प्रशिक्षण; उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों पर प्रशिक्षण, उद्देश्य उन्मुख प्रशिक्षण; स्कूल शिक्षकों के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम; गैर सरकारी संगठन; मीडिया पेशेवर, पीआरआई आदि; भारतीय और विदेशी नागरिकों आदि के लिए मांग आधारित कार्यक्रम। इसके अलावा, अकादमी के उद्देश्यों में राज्य सरकार के संस्थानों को उनकी विशिष्ट प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए सहायता और प्रशिक्षण और अन्य उद्देश्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग शामिल है। NWA, पिछले 33 वर्षों से तकनीकी (इंजीनियरिंग) और गैर-तकनीकी (गैर-इंजीनियरिंग) दोनों जल संसाधन पेशेवरों की व्यापक प्रशिक्षण आवश्यकताओं को संबोधित कर रहा है।
☛ अधिक जानकारी के लिए जाएँ https://nwa.mah.nic.in.
☛ केंद्रीय जल आयोग के लिए भी: http://cwc.gov.in
☛ जल संसाधन विभाग, आरडी और जीआर, जल शक्ति मंत्रालय: http://jalshakti-dowr.gov.in
राष्ट्रीय जल अकादमी का मिशन
राष्ट्रीय जल अकादमी का मिशन जल संसाधन के क्षेत्र में पेशेवर और उत्तरदायी इंजीनियरिंग सेवा के निर्माण के लिए यत्नपूर्वक, नैतिक और पारदर्शी संरचना, अभ्यास द्वारा मानसिक विकास के निदेश के साथ गुणवत्ता संपन्न प्रशिक्षण प्रदान करना है|
उत्कृष्टता के इस केंद्र का उद्देश्य - जैस की इसके मिशन में सुस्पष्ट है - समृद्ध और प्रभावी इंजीनियरिंग सेवाएं देने के लिए पेशेवरों और उत्तरदायी अधिकारियों के निर्माण के लिए गुणवत्ता संपन्न प्रशिक्षण प्रदान करना है| संसज्जित विचारों के अनुकरण एवं आकांक्षाओं को पुन:प्रज्वलित कर, बौद्धिक सीमाओं का विस्तार एवं नई अवधारणाओं और विचारों से एक साथ सामना करने के बाद ही कोर्इ नए कौशल और ज्ञान सीखेगा एवं असली पेशेवर आजीविका के लिए अपने आप में विश्वास का निर्माण होगा एवं योजनाओं पर अमल, आवश्यकताओं का आकलन और प्रयासों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए व्यावहारिक व क्रियाशील अनुभव प्राप्त करेगा| प्रशिक्षणार्थी जबकि इस नये वातावरण में रहते हुए कुछ विविध स्थितियों का सामना करते है, संकाय उन्हें चुनौतीपूर्ण मुद्दों का दृढ़ता, खुले दिल और खुले दिमाग के साथ सामना करने के लिए कौशल, संसाधन, और तकनीकों के साथ प्रशिक्षित करते हैं|
इसका मिशन है महत्वपूर्ण जल संसाधन की समस्याओं के समाधान की तलाश करना तथा केंद्र और राज्य के अभियंताओं, जो अभियान्त्रिकी के सिद्धांतों की शक्ति, तकनीक का उपयोग कर देश को एक बेहतर स्थिति पर ले जाएंगे, को इस विश्वास के साथ प्रशिक्षित करना है कि अभियंता जो न केवल तकनीकी उत्कृष्टता प्राप्त है बल्कि इनकी रचनात्मकता, अनुप्रयोग और कौशल केवल व्यावहारिक व क्रियाशील प्रशिक्षण से ही निखरती है|
बुलंद हौसले एवं स्थिरता के साथ कोर्इ भी किसी भी प्रयोजन के गंभीर प्रदर्शन के लिए एकल दिमाग के साथ विशेष रुचि एकत्र कर सकता हैं, किसी के लाभ के लिए नई स्थिति का प्रचलन करना जान सकता है तथा सीखने के दबा दिये गये प्राकृतिक जुनून को पुन: उज्जीवित कर सकता है| यह मानना है कि राष्ट्रीय जल अकादमी संकूल अपने निर्मल वातावरण, हरियाली, शांत परिवेश, सुखद मौसम, प्रदूषण मुक्त ताजी हवा प्रशिक्षुओं के सुखद ठहराव में समाती है जिससे उनका अस्तव्यस्त मन और शरीर शांत होता है।
राष्ट्रीय जल अकादमी पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नियम-विनियम एवं अनुशासन के उचित मर्यादा को बनाए रखने तथा शिष्टाचार के लिए संकल्पवद्ध है| समय की पाबंदी का पालन और सभी प्रशिक्षण घटनाक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम का सार है| राष्ट्रीय जल अकादमी के संकाय सदस्य विद्वानों को बढ़ावा देने तथा साथी प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ एक करीबी और पारस्परिक समर्थित संबंध साझा करने का प्रयास करते हैं। वे प्रशिक्षु अधिकारियों को जानने तथा उनके विकसित होने के साक्षी बनने के लिए सदैव तत्पर रहते है जैसे कि वे अपने आप को प्रशिक्षण के अनुभव को प्राप्त करने के लिए तैयार करते है जैसा की पहले कभी नही हुआ हो|
राष्ट्रीय जल अकादमी के प्रत्येक पीढ़ी इसे दिल से लेते है तथा दृढ़ता से कक्षा शिक्षण से लेकर भविष्य में निवेश हेतु इसके उपयोग, देश में जल संसाधन के विकास हेतु नर्इ पद्धति पर सोचने की हिम्मत करने के अग्रणी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन के लिए नए प्रयासों का शुभारंभ करती है|
प्रशिक्षण के क्षेत्र में नेतृत्व
राष्ट्रीय जल अकादमी हमेशा देश में जल पेशेवरों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने एवं परिवर्तन में लाने में नेतृत्व का प्रदर्शन किया है| देश में पानी और भूमि प्रबंधन संस्थानों भर में जल उपयोग दक्षता में वृद्धि पर रिपोर्टिंग में अखंडता को प्राप्त करने हेतु अकादमी को पर्याप्त संख्या में संस्थानों को शामिल होने के लिए के लिए राजी करने की उम्मीद है| राज्य संगठनों और सरकारी समितियों के माध्यम से सिंचाई जल प्रबंधन के प्रशिक्षण के साथ संकाय के प्रत्यक्ष वचनबद्धता वर्ष के दौरान जारी रहा| संकाय भी विभिन्न राज्यों जल संसाधन विभागों को पायलट प्रशिक्षण, कक्षा में सैद्धांतिक शिक्षण के साथ-साथ संयोजित व्यावहारिक व क्रियाशील लोकाचार, डॉक्टरेट एवं स्नातकोत्तर अनुसंधान मार्गदर्शन के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जारी रखा| जल संसाधन के क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकियों को शामिल करना संकाय का अतिरिक्त पहल है जिसने प्रशिक्षण प्रारंभ करने के लिए शिक्षाविदों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|
राष्ट्रीय जल अकादमी की परिकल्पना जल संसाधन कर्मियों के प्रशिक्षण में एक "उत्कृष्टता के केंद्र" के रूप में कार्य करने के लिए की गई है| यहाँ राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के जल संसाधन अभियंताओ को योजना, डिजाइन, मूल्यांकन, निर्माण, संचालन / प्रबंधन और जल संसाधन परियोजनाओं की निगरानी के क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को परिपूर्ण किया है| अपनी राष्ट्रीय भूमिका में राष्ट्रीय जल अकादमी विशेष और उभरते इलाको के सभी जल क्षेत्र के कर्मियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के संचालन पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसके लिए राज्य के जल संसाधन विभाग या अन्य संस्थान पर्याप्त रूप से सज्जित नहीं हैं| इसके अलावा, यह केन्द्रीय जल आयोग, अन्य केंद्रीय और राज्य संगठनों के लिए जल क्षेत्र के सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में प्रेरण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का आयोजन करती है|
अकादमी की गुणवत्ता प्रशिक्षण हमेशा महत्वपूर्ण आयाम रही है जो जल की शिक्षा के लिए उम्मीदवारों को इसे पसंद करने के लिए प्रभावित करती है| अकादमी ने घोषणा की है कि वह अपने स्वयं के रिपोर्टिंग में प्रस्तावित मानकों का पालन करेगा| देश में जल उपयोग दक्षता में वृद्धि पर रिपोर्टिंग में अखंडता को प्राप्त करने हेतु अकादमी को पर्याप्त संख्या में संस्थानों को शामिल होने के लिए राजी होने की उम्मीद है| अब तक, राष्ट्रीय जल अकादमी द्वारा 430 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है तथा जल संसाधन क्षेत्र के 10,500 कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है|